मैं विजय उम्र ६० साल, USA, Bostan, निवासी हूँ, चूँकि मैं सनातन परंपरा का अनुयायी हूँ तो इसी कारण मेरा ज्यादातर समय भारत में माउन्ट आबू में अपने लोगो के साथ बीतता हैं, मेरा ज्यादातर समय प्रभु भक्ति में निकलता हैं जिसमे मुझे बहुत आत्मिक शांति मिलती हैं, किन्तु पिछले कुछ समय से मुझे अपने दोनों घुटनों में दर्द रहने लगा, मैंने अपने धार्मिक मित्र जिनमे से कई मशहूर चिकित्सक भी शामिल हैं, उनसे मेरी परेशानी के बारे में जिक्र किया, उन्होंने मुझे कुछ मेडिसिन खाने व योगा करने की सलाह दी, जिससे मुझे अच्छा लगने लगा, फिर मुझे अपने काम काज के सिलसिले में USA जाना पड़ा, वहाँ पर जाने के बाद मेरी काफी भाग दौड हुई जिसके कारण मेरे घुटनों में फिर से दर्द होने लगा, मैंने USA में ही डॉक्टर से परामर्श किया, उन्होंने भी मुझे मेडिसिन लेने की सलाह दी, तभी मेरी पत्नी को ऑस्ट्रेलिया की किसी पद्धति के बारे में पता चला, उसने मुझसे कहा की हमे ऑस्ट्रेलिया जा कर इस पद्धति से आपका इलाज करा लेना चाहिए, मैंने भी सोचा कि यही सही रहेगा| हम ऑस्ट्रेलिया गए वहाँ जा कर डॉक्टर से परामर्श लिया, उन्होंने बताया कि अगर आप भारत से हैं तो आप चाहे तो इस विधा से आप अपना इलाज भारत में भी करा सकते हैं, मुझे यह वाला आप्शन सबसे सही लगा क्यूंकि मैं जितना खुश अपने लोगो के बीच होता हूँ उतनी खुशी मुझे कहीं नहीं मिलती , हमने वापस भारत आकर, इस विधा से सम्बंधित सहज अस्पताल इंदौर (मध्यप्रदेश ), में संपर्क किया,वहाँ जा कर इलाज लिया, आज पूरे १ साल हो गए हैं मेरे इलाज को, अभी मुझे कोई भी परेशानी नहीं हैं, मुझे किसी भी तरह की मेडिसिन लेने की कोई जरुरत नहीं पड़ती हैं व मैं अब प्रभु भक्ति बहुत आराम से एवं तल्लीनता से कर पता हूँ, मैं बहुत ही भाग्यशाली हूँ की मैंने अपने ही देश में अपने ही डॉक्टर से इलाज पाया एवं बिना किसी परेशानी के अपने सारे काम कर पा रहा हूँ, मैं तो अब अपने USA वाले सभी मित्रों को भी सलाह देता हूँ कि पधारो म्हारे देश…