मैं द्रोपदी , उम्र ६४ वर्ष, मुझे पिछले कई सालों से घुटनों में दर्द कि समस्या थी, मेरे एक पैर में टेडापन भी आ गया था जिसकी वजह से मैं चलने में थोडा लचकने लगी थी, इस परेशानी के कारण मेरी कमर में भी बहुत दर्द रहता था, मेरे घरवालों ने मेरा हर तरह से इलाज कराया मतलब कसरत, सिकाई, दवाई इत्यादि, परन्तु इलाज खत्म होने के कुछ समय बाद तक ही में ठीक रह पाती थी, मेरे एक रिश्तेदार ने जोड़ प्रत्यारोपण की सर्जरी कराई थी परन्तु किसी कारणवश वह चलने में असमर्थ थे, तो मैं इस जोड़ प्रत्यारोपण से जैसे डर सी गयी थी, मेरे घरवाले तो चाहते थे की मैं यह सर्जरी करा लूँ पर मैं मन ही मन इसके लिए तैयार नहीं थी, डॉक्टरों ने भी यही समझाया कि किसी भी सर्जरी के सफल होने में मरीज का विश्वास बहुत बड़ा हिस्सा होता हैं, जोकि किसी अपरिहार्य कारणों से मैं नहीं ला पा रही थी | मेरे पैरों कि लचक बढती जा रही थी, इसके साथ मेरी कमर भी अब बहुत परेशान करने लगी थी, परन्तु मैं अब भी किसी चमत्कार की उम्मीद लगाये बैठी थी | मेरे पति मेरी इस हालात को देख के बहुत परेशान थे, उन्हें लगता था कि अब जब आराम करने के दिन आये हैं तब मैं इतनी परेशान हूँ, बाकि जीवन तो भागदौड मैं निकल गया, लोगो की इच्छाएं पूरे जीवन पूरी की पर अब इसे दर्द से परेशान नहीं देख सकते |
उनके एक मित्र विदेश में रहते हैं, मेरे पति ने उन्हें मेरी परेशानी बताई ओर पुछा की क्या आपके देश में कोई ऐसा इलाज हैं जिससे मेरी श्रीमती जी के पैरों का दर्द दूर हो सके, तब उन्होंने बताया कि चौरसिया जी अब आपको ऐसे किसी भी देश में जाने की जरुरत नहीं हैं, अब विदेशों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सारी इलाज व्यवस्था अब अपने ही देश में उपलब्ध हैं, उन्होंने हमे सहज थेरपी के बारे में कुछ जानकारी दी व ये भी कहा कि आप एक बार जा कर उनसे उपचार विधि समझे फिर विवेकपूर्ण निर्णय ले, मेरे पति ने सहज थेरपी के भोपाल सेंटर में जा कर इस विधि के बारे में जान कारी ली, इसको समझा, अपने मित्र से सलाह ली फिर मेरा ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया, दिनाँक ०६/०४/२०१८ को मैंने अपना ऑपरेशन सहज थेरपी के इंदौर स्थित हॉस्पिटल में कराया, ऑपरेशन के तीसरे ही दिन हमारा डिस्चार्ज हो गया, मेरे पैरों के टेड़ेपन को सही करने के लिए सहज में एक छोटा सा ऑपरेशन ओर हुआ, ऑपरेशन के दिन से ही मैं चलने लगी, पूरे दो महीने बाद मेरे पैरों का दर्द ८०% खत्म हो गया था, आज २ साल हो चुके हैं मुझे किसी भी तरह से कोई दर्द नहीं हैं, पैरों में लचक आने की वजह से जो कमर मैं परेशानी आ रही थी वो भी अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी हैं | अब मैं खुशी खुशी अपने सारे काम कर पा रही हूँ, मैं लोगो को बताना चाहूंगी कि दर्द से डरे नहीं, उसका उचित समय पर इलाज कराये | ईश्वर से यही प्रार्थना हैं कि सहज सभी को सरलता से मिले |